स्वास्थ्य विभाग की छवि को लग रहा धक्का
मथुरा।
स्वास्थ्य विभाग के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के अंदर चर्चित रहीं कई घटनाएं एक के बाद एक हुई हैं। जिससे इस तरह के सवाल उठने लगे हैं कि विभाग के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
नौहझील स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात प्रभारी डा.शशि रंजन ने नौहझील स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात रहीं स्टाफ नर्स रिंकी चौधरी सहित तीन लोगों के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
चिकित्सा प्रभारी ने दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया है कि मेरे चिकित्सा केन्द्र पर रिंकी चौधरी स्टाफ नर्स के पद पर तैनात थी। जिस का स्थानांतरण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरसाना पर 12 अक्टूबर को मुख्य चिकित्साधिकारी के आदेश पर कर दिया गया था। जिसके पश्चात मुझे आएदिन जान से मारने की धमकी दी जा रही है और किसी न किसी मामले में फंसाने के नाम पर डराने का प्रयास किया जा रहा है। इस की सूचना मैंने मुख्य चिकित्साधिकारी को मौखिक और लिखितरूप से भी दे दी थी। इसके बाद मुझे मेरे मोबाइल पर फोन आया और जान से मारने की धमकी दी और कहा कि आपको रिंकी चौधरी और अलफोसास जार्ज से पंगा लेना महंगा पडेगा।
मंगलवार को बल्देव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात रहे लैब टैक्नीशियन की मौत हो गई। लैब टैक्नीशियन के परिजनों ने विभागीय अधिकारी पर ही गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी की ओर से मानसिकरूप से प्रताडित किया गया। जिसके बाद उसकी तबियत बिगडी और जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई।
इससे कुछ दिन पूर्व सीएमओ कार्यालय पर कई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारियों के बीच जमकर जूतमपैजार हुई थी। इसके बाद सीएमओ ने जांच टीम बना दी थी। जांच पूरी होती या जांच का कोई परिणाम आता सभी पक्षों ने राजीनामा कर लिया और मामले को रफादफा कर दिया गया। यह सब घटनाक्रम इतने सीधे साधे नहीं हैं। इनके पीछे लम्बे चौडे आरोप प्रत्यारोप भी छिपे हैं। खुद विभागयी अधिकारियों का कहना है कि इनकी ठीक से जांच होनी चाहिए।