उत्तराखंड की स्थिति देख आहत है वीरेंद्र सिंह

 

देहरादून। चौबट्टाखाल विधानसभा से उत्तराखंड क्रांति दल के उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह रावत पहाड़ों की स्थिति देखकर आहत है। वह पिछले कुछ महीने में उन्होंने 250 से अधिक गांवों का भ्रमण कर चुके हैं। 4500 किलोमीटर का सफर पैदल और कार से तय कर चुके हैं। इस दौरान वे घर-घर तक अपने घोषणा पत्र दे रहे हैं और जन समस्याओं को सुन रहे हैं। वीरेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में प्रेस क्लब में पत्रकार वार्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड को बने 21 साल हो गए हैं। हमने भी एक क्रांतिकारी, आंदोलनकारी, राज्यहितकारी बनकर 1994 में उत्तराखंड बनाने के लिए लाठी, डंडे, गोली खायी, जेल गए, शोषण सहा। इस आन्दोलन में हमारे 42 आंदोलनकारी शहीद हुये थे जबकि हजारों लापता हुये। उन्होंने कहा कि क्या हमने अलग उत्तराखंड राज्य इसीलिए बनाया था? इसलिए बनाया था की उत्तराखंड के उत्तराखंडी को मूल सुविधा से वंचित रहना पड़े। कहा कि आज भी कई गांव में बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार नहीं है। बुजुर्ग, महिला, युवा, बच्चे परेशान हैं। उन्होंने दावा किया है कि वह यदि विधायक बने तो महीने की सैलरी जरूरतमंद जनता को वितरित करेंगे और विधायक निधि से क्षेत्र का विकास किया जाएगा। भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जाएगी। इस मोके पर केंद्रीय अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ प्रमिला रावत, देहरादून जिलाध्यक्ष दीपक रावत, कार्यकारी अध्यक्ष किरण रावत, मुकेश कुंडरा, कमल कांत, जितेंद्र, सोमेश बुढ़ाकोटी, सुनील ध्यनी, सलोचना ईस्टवाल, शिव प्रसाद सेमवाल, उमेश खंडूरी, शान्ति प्रसाद भट्ट, प्रीति थपलियाल, संजय बहुगुणा, किशन मेहता आदि उपस्थित रहे।

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