पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष की ताजपोशी समारोह से नवजोत सिद्धू और सुनील जाखड़ ने बनाई दूरी
चंडीगढ़
पंजाब कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुआ घमासान अभी खत्म नहीं हुआ है। हाईकमान के दखल के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और उनके बाद अमरिंदर राजा वारिंग को प्रदेश इकाई की कमान सौंपी गई है। इसके बाद से ही नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ जैसे वरिष्ठ नेता बगावती तेवर अपनाए हुए हैं।
शुक्रवार सुबह अमरिंदर राजा वारिंग की प्रदेश कार्यालय में ताजपोशी थी, लेकिन इस मौके पर जाखड़ और सिद्धू नजर नहीं आए। ताजपोशी की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी समेत कई सांसद और विधायक हैं, लेकिन दोनों सीनियर नेता नहीं है। पार्टी के नोटिस का जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की तलवार का सामना कर रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ मौके पर नहीं पहुंचे। इसके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी दफ्तर तो पहुंचे, लेकिन वह कार्यक्रम से दूर रहे। वह सुबह पहुंचे और एक कमरे में जाकर बैठे रह गए।
अमरिंदर राजा के साथ मंच शेयर करने को उनकी आपत्ति और बगवात से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि इस संबंध में अब तक किसी का कोई बयान सामने नहीं आया है। इससे पहले चुनाव के दौरान भी सुनील जाखड़ और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नेताओं के बयानों से पार्टी को असहज होना पड़ा था। हालांकि अमरिंदर राजा वारिंग की ताजपोशी के दौरान पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी मौजूद थे।
पद संभालने के बाद अमरिंदर राजा वारिंग ने पहला ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस का करने के लिए मेरा थ्री डी मंत्र हो गया। इसका विश्लेषण करते हुए उन्होंने लिखा कि मैं डिसिपलिन, डेडिकेशन और डायलॉग पर काम करूंगा ताकि पार्टी को मजबूत किया जा सके। इसे उन्होंने अपना थ्री डी मंत्र करार दिया। हालांकि इसमें भी सबसे पहला नंबर उन्होंने अनुशासन का रखा है। इससे उन्होंने साफ संकेत दिया है कि अब पंजाब कांग्रेस में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता को स्वीकार नहीं की जाएगी।