अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर किया जागरूक

ऋषिकेश
एम्स ऋषिकेश में शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर लोगों को नशावृत्ति के खिलाफ जागरूक किया गया। एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि नशे के जंजाल में फंसे लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए सहयोग की जरूरत है। जनजागरुकता कार्यक्रम में एटीएफ (एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी) से डॉ. तन्मय जोशी ने विभिन्न तरह के नशीले पदार्थों के तथ्यों और मिथकों के बारे में लोगों को जानकारी दी। कहा कि वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में कैनाबिस (यानी भांग, गांजा, चरस आदि ) के साथ-साथ दवाइयों का गैर चिकित्सकीय उपयोग बहुत अधिक बढ़ गया है। मनोचिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विशाल धीमान ने कहा कि उत्तराखंड परिक्षेत्र में लगभग 38 फीसदी लोग शराब का सेवन कर रहे हैं। कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों में बढ़ते तनाव व अन्य कारणों के चलते सभी नशीले पदार्थ का सेवन बढ़ा है।

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