पीएफ खाताधारक ध्यान दें! ईपीएफओ ने बदले ये 3 बड़े नियम, करोड़ों लोगों पर असर; जानें पूरी डिटेल

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने करोड़ों सदस्यों के लिए नियमों में कई अहम बदलाव किए हैं। इन बदलावों का सीधा असर पीएफ खाताधारकों पर पड़ेगा, जिससे वेरिफिकेशन और पीएफ क्लेम जैसी प्रक्रियाएं पहले से ज्यादा आसान हो जाएंगी। आइए जानते हैं इन तीन प्रमुख बदलावों के बारे में:
1. चेहरे से सत्यापन की शुरुआत
अब ईपीएफओ सदस्य फेस वेरिफिकेशन यानी चेहरे के सत्यापन के माध्यम से अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (्रहृ) प्राप्त कर सकते हैं और उससे जुड़ी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने हाल ही में फेस वेरिफिकेशन के जरिए ्रहृ आवंटित करने और उसे सक्रिय करने के लिए अपग्रेडेड डिजिटल सेवाएं शुरू की हैं।
2. उमंग ऐप से ्रहृ बनाना और एक्टिवेट करना हुआ आसान
कर्मचारी अब ‘उमंग’ मोबाइल ऐप पर आधार फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके आसानी से अपना ्रहृ खुद बना सकते हैं। नियोक्ता भी नए कर्मचारियों के लिए इसी तकनीक का उपयोग करके उमंग ऐप के जरिए ्रहृ बना सकते हैं। जिन सदस्यों का ्रहृ पहले से बना हुआ है लेकिन सक्रिय नहीं है, वे भी अब उमंग ऐप के माध्यम से इसे आसानी से एक्टिवेट कर सकते हैं।
3. ऑनलाइन क्कस्न क्लेम हुआ सरल, ये दो शर्तें खत्म
ईपीएफओ ने पीएफ खाते से ऑनलाइन पैसे निकालने की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया है। अब ऑनलाइन क्लेम करते समय सदस्यों को अपने बैंक खाते के रद्द किए गए चेक या पासबुक की स्कैन कॉपी अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी। पहले यह अनिवार्य था। इसके साथ ही, क्लेम के समय सदस्य द्वारा दिए गए बैंक खाते के विवरण को नियोक्ता द्वारा अनिवार्य रूप से स्वीकृत या सत्यापित करने की शर्त भी हटा दी गई है।
ईपीएफओ के अनुसार, इन दो शर्तों को खत्म करने का उद्देश्य सदस्यों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ और नियोक्ताओं के लिए ‘कारोबारी सुगमता’ को बढ़ावा देना है। इन नए नियमों से उम्मीद है कि ईपीएफओ सदस्यों को अपने पीएफ खाते से संबंधित कार्यों को पूरा करने में कम समय लगेगा और प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक होगी।

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