हेट स्पीच मामले को लेकर संतों में दो फाड़
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में मुकदमा दर्ज होने पर संतों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। संतों ने साफ कहा है कि वे मुकदमों से डरने वाले नहीं हैं। मुकदमे दर्ज होने से साबित होता है कि धर्म संसद सफल रही है। वहीं, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने धर्म संसद में हेट स्पीच का विरोध का किया है। हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामले में जहां हरिद्वार धर्म संसद के संचालक और उसमें शामिल हुए सांधु संत अपने बयानों को सही बता रहे हैं तो वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने धर्म संसद में हेट स्पीच का विरोध किया है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों में अमर्यादित भाषा का उपयोग करना सरासर गलत है।
हेट स्पीच मामले में संतों में दो फाड़: धर्म संसद के विवाद पर ज्यादा कुछ न बोलते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि उनके संज्ञान में भी धर्म संसद में बोली गई बातें आई हैं, लेकिन इस तरह के मंच पर इस तरह की भी अमर्यादित भाषा का प्रयोग हुआ है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अपमान हुआ हो तो वह सरासर गलत है। एक साधु को मर्यादा का पालन करना चाहिए। उन्होंने माना कि धर्म संसद में आवेश में आकर या गलती में किसी संत द्वारा ऐसी बात कह दी गई होगी.वहीं, हरिद्वार धर्म संसद के संचालक स्वामी परमानंद ने कहा कि धर्म संसद का समापन सनातन वैदिक राष्ट्र के निर्माण के संकल्प के साथ संपन्न हुआ था। हरिद्वार के भूपतवाला स्थित वेद निकेतन में हुई तीन दिवसीय धर्म संसद में संतों ने अपने विचार व्यक्त किए थे, लेकिन कुछ लोगों ने संतों के विचारों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। अब संतों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। लेकिन संत समाज इन मुकदमों से डरने वाला नहीं है। अगर हिंदुत्व को बचाने के लिए इस तरह के 10 मुकदमे और भी हो जाए तब भी हम डरने वाले नहीं हैं। उधर, धर्म संसद में सम्मिलित हुए श्री मंहत लोकेश दास ने कहा कि आज हिंदुत्व को बचाने के लिए हथियार उठाना बहुत जरूरी है। धर्म संसद में जितने भी वक्ता आए उन्होंने अपने अपने विचार संसद में रखे जो कि हिंदुत्व की रक्षा के लिए बहुत जरूरी थे.महंत लोकेश दास ने ओवैसी के बयान का सहारा लेते हुए कहा कि आज ओवैसी अपने मंचों पर यह तक देते है कि जब मोदी और योगी नहीं होंगे तब सबको जवाब दिया जाएगा। उन पर किसी तरह का मुकदमा नहीं होता है। लेकिन यदि हिंदू को बचाने के लिए संत कुछ कह देते है तो प्रशासन उन पर मुकदमा दर्ज करा देता है। इन मुकदमों से संत समाज बिल्कुल भी घबराने वाला नहीं है। इस तरह के मुकदमे दर्ज होने से साबित होता है कि धर्म संसद सफल रही हैं।
बता दें कि सनातन धर्म की रक्षा और संवर्धन के लिए धर्मनगरी हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 17 से 19 दिसंबर तक तीन दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया गया था। हरिद्वार धर्म संसद के 4 दिन बाद सोशल मीडिया पर साधु-संतों द्वारा दिए गए बयानों से बवाल मचा हुआ है। सोशल मीडिया पर इन बयानों की निंदा की जा रही है। अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अमेरिका की पूर्व टेनिस खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा ने धर्म संसद का वीडियो ट्वीट किया है.वहीं, सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयान देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो पर संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।