ऑटो-विक्रम न मिलने से झेलनी पड़ी दिक्कतें

ऋषिकेश। पंचक खत्म होते ही बुधवार को भारी संख्या में दिल्ली, हरियाणा और यूपी के कांवड़ियों के तीर्थनगरी ऋषिकेश पहुंचने से लोकल परिवहन व्यवस्था भी प्रभावित रही। अधिकतर ऑटो, विक्रम और ई-रिक्शा संचालक कांवड़ियों को ढोते नजर आए। इससे स्थानीय लोगों को शहर में ऑटो-विक्रम न मिलने से दिक्कतें झेलनी पड़ीं। कई लोगों को मजबूरी में पैदल ही सफर करना पड़ा। हर बार कांवड़ यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों को आवाजाही में दिक्कत न हो, इसके लिए कुछ ऑटो और विक्रम आरक्षित किए जाते थे। इन पर बकायदा लोकल सवारी का नोटिस चस्पा किया जाता था। कोरोना संकट के चलते दो साल से स्थगित कांवड़ यात्रा इस बार शुरू हुई, लेकिन लोकल सवारियों के लिए प्रशासन की ओर से ऑटो-विक्रम आरक्षित नहीं किए गए। अब पंचक खत्म होते ही यातायात के विभिन्न साधनों से बड़ी संख्या में कांवड़ियों ने तीर्थनगरी ऋषिकेश का रुख किया है। यहां से कांवड़िये ऑटो और विक्रम में सवार होकर नीलकंठ धाम की ओर रवाना हो रहे हैं। हरिद्वार-ऋषिकेश हाईवे पर घाट चौक, चंद्रभागा पुल तिराहा और दून रोड पर सरकारी अस्पताल के सामने लोग गंतव्य तक पहुंचने के लिए ऑटो-विक्रम का इंतजार करते नजर आए। चंद्रभागा पुल तिराहे पर ऑटो का इंतजार कर रहे रमेश रावत, इंद्रमोहन ने बताया कि ऑटो-विक्रम को हाथ से रुकने का इशारा कर रहे हैं, लेकिन चालक अनदेखी कर आगे बढ़ रहे हैं।

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