कर्णप्रयाग में 8 घरों को खाली करने का नोटिस

चमोली। बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर मंडी समिति के आसपास बसे बहुगुणानगर में भूधंसाव के चलते अति संवेदनशील 8 घरों को प्रशासन ने खाली करने के नोटिस दे दिए हैं। आवासीय भवनों में दरारें बढ़ जाने की शिकायत के बाद प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया है। लेकिन नोटिस मिलते ही प्रभावितों ने भवन सहायता राशि मिलने पर ही खाली करने की बात कहते हुए इसे शासन-प्रशासन द्वारा सौतेला व्यवहार का आरोप लगाया है। गुरुवार शाम आठ भवन स्वामियों को नोटिस मिलने के बाद प्रभावित परिवारों ने कहा नोटिस के साथ राहत के नाम पर जोशीमठ प्रभावितों के समान उन्हें भी सहायता दी जानी चाहिए। नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग के अंर्तगत बीते एक दशक से बहुगुणानगर के 20 से अधिक भवन मंडी परिषद के भवन निर्माण के दौरान चली जेसीबी मशीन और कर्णप्रयाग-नैनीसैंण मोटर मार्ग की समुचित नाली निकासी न होने से खतरे की जद में है। कई मकानों पर बीती बरसात में दरारें बढ़ जाने से लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर जाना सही समझा, लेकिन कई परिवार आज भी खतरायुक्त भवनों में रहने को मजबूर है। जोशीमठ में भूधंसाव की घटना के बाद घबराए लोगों ने शासन-प्रशासन से क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर राहत देने की गुहार लगाई। जिस पर गत दिनों प्रशासन की टीम ने लोनिवि, सिंचाई, एनएच, व नगर पालिका के अधिकारियों के साथ भवनों का निरीक्षण किया और 28 भवनों में दरारें पाई। जिसमें से आठ भवनों को रहने लायक नहीं बताते हुए सुरक्षा के मद्देनजर नगर पालिका के रैन बसेरे में शिफ्ट करने की बात कही। गुरुवार शाम आठ भवनस्वामियों को नोटिस देते हुए अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए रैन बसेरे में कमरे उपलब्ध कराने के निर्देशित किया गया। नोटिस मिलने के बाद भूधंसाव की जद में आए भवन स्वामी पंकज डिमरी, हरेन्द्र बिष्ट ने कहा भूधंसाव जोशीमठ और कर्णप्रयाग में भी हुआ है, लेकिन शासन-प्रशासन इसके लिए समान नीति लागू नहीं कर पाया है यहां प्रशासन द्वारा नोटिस थमा दिया गया है, जबकि जोशीमठ में तत्काल सहायता राशि डेढ़ लाख रुपये दी जा रही है। ऐसे में आपदा प्रभावित रैन बसेरे में शिफ्ट तभी होंगे जब उन्हें राहत राशि का वितरण किया जाएगा।

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