गुड फ्राइडे पर ईसाई समुदाय के लोगों ने गिरिजाघरों में की प्रभु यीशु की प्रार्थना
देहरादून,
गुड फ्राईडे ईसाई समुदाय का प्रमुख पर्व है। आज राजधानी के अनेकों गिरिजाघरों में गुड फ्राइडे पर इसाई समुदाय के लोगों ने प्रभु ईशु के बलिदान को याद करते हुए प्रार्थना की। इस अवसर पर बताया गया कि ईसाई धर्म के लोग इस त्योहार को काले दिवस के रूप में मनाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान यीशु मसीह ने अपने प्राण त्यागे थे। इस अवसर पर समुदाय के लोगों ने बताया कि इसी वजह से ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन प्रभु ईशु के बलिदान को याद करते हैं। इस दिन को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। इस दिन इसाई धर्म के लोग यीशु मसीह के क्रूस को याद करते हैं। इस अवसर पर बताया गया कि यह दिन ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद ही खास होता है। गुड फ्राइडे के अवसर पर लोग गिरिजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं। इस अवसर पर समुदाय के लोगों ने बताया कि कई लोग प्रभु ईशु की याद में उपवास करते हैं और उपवास के बाद मीठी रोटी बनाकर खाते हैं। इस अवसर पर बताया गया कि ऐसी मान्यता है कि फ्राइडे के दिन क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद तीसरे दिन यीशु मसीह पुनः जीवित हो गए थे, इसकी खुशी में ईस्टर संडे मनाने के परंपरा है। इस अवसर पर समुदाय के लोगों ने बताया कि ईसा मसीह की शिकायत रोम के शास पिलातुस से कर दी, जो खुद को ईश्वर का पुत्र बताया करते थे। ईसा मसीह पर धर्म अवमानना और राजद्रोह का आरोप लगा। ईसा मसीह को मृत्युदंड का फरमान सुना दिया गया। उन्हें कांटों का ताज पहनाया गया और चाबुक से मारा गया। विभिन्न गिरिजाघरों में समाज के लोगों ने प्रार्थना सभायें की।