छात्रों ने आचार्य चरक की जयंती मनाई
रुड़की। बिशंभर सहाय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर ने चरक जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान बीएएमएस के छात्रों ने अपने-अपने व्याख्यान पेश किए। संस्थान के कोषाध्यक्ष सौरभ भूषण शर्मा ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सचिव चंद्र भूषण शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद का क्षेत्र बहुत व्यापक है। आयुर्वेद की शिक्षा सबसे प्राचीन शिक्षा में से एक है। कोषाध्यक्ष सौरव भूषण शर्मा ने कहा कि पूरे विश्व में आयुर्वेद में प्रथम चिकित्सक के रूप में आचार्य चरक का नाम लिया जाता है। उन्होंने आयुर्वेद को नई दिशा और ऊंचाई दी। प्रबंध निदेशक गौरव भूषण शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद की शिक्षा में सबसे अधिक महत्व आचार्य चरक की बताई हुई शिक्षा का है। कार्यक्रम में आयोजित व्याख्यान प्रतियोगिता में शाह नवाज और शाहबाज प्रथम, भावना और अंजलि ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर डॉ. जे लांबा, डॉ. कुनिका, डॉ. गालिब, डॉ. प्रीति लांबा, डॉ. साहेब और शबनम, स्मृति, नाजिश, प्राची, अंजलि, भावना, बिलाल, तीर्थ, सरफराज, शाहनवाज, शाहबाज, गुलशन यादव आदि मौजूद रहे।