श्रद्धापूर्वक मनायी गयी बाबा कामराज की जयंती

हरिद्वार

श्री दक्षिण काली मंदिर में तंत्र सम्राट बाबा कामराज की जयंती श्रद्धापूर्वक मनायी गयी। कोविड नियमों का अनुपालन करते हुए सूक्ष्म रूप से आयोजित किए गए जयंती कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि विश्वविख्यात तंत्र सम्राट बाबा कामराज की कर्मभूमि श्री दक्षिण काली पीठ का लंबा इतिहास है। बाबा कामराज आज भी मंदिर क्षेत्र में विद्यमान हैं तथा भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। मंदिर में दर्शन व पूजा अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को मां दक्षिण काली के साथ बाबा कामराज का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि आठ सौ वर्ष पूर्व बाबा कामराज द्वारा स्थापित सिद्ध पीठ श्री दक्षिण काली मंदिर में सच्चे हृदय से पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती है। नील पर्वत की तलहटी के कजरी वन में गंगा की नीलधारा के तट पर स्थित दस महाविद्याओं में प्रथम सिद्धपीठ मां दक्षिण काली मन्दिर के विषय में देवी भागवत में श्यामापीठ, योगिना हृदयम, काल कल्पतरू एवं कुलार्णव तंत्र में दक्षिण काली तथा रूद्रयामल तंत्र में कामराज पीठ के नाम से वर्णन किया गया है। काली हृदय कवच में भगवान शिव ने उमा को श्यामापीठ में साधना का निर्देश दिया था। मां ने स्वयं बाबा कामराज को यहां मंदिर में अपने विग्रह के मंदिर स्वरूप की स्थापना का आदेश दिया था। जिसके बाद दसवीं सदी में तंत्र सम्राट साक्षात् शिवस्वरूप बाबा कामराज महाराज ने मंदिर की स्थापना की। श्री दक्षिण काली मन्दिर की स्थापना के बाद अमरा गुरू के नाम से विख्यात बाबा कामराज महाराज सन् 1219 में ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष सप्तमी को मन्दिर की देखरेख अपने शिष्य बाबा कालिकानन्द महाराज को सौंपकर तीर्थाटन के लिए मन्दिर से अदृश्य हो गए। वे आठवें दीर्घजीवी हैं और मां दक्षिण काली के साथ मन्दिर परिसर में ही विद्यमान हैं। समय-समय पर साधकों को उनके दर्शन होते रहते हैं। श्री दक्षिण काली मंदिर के उपाध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के नेतृत्व में मंदिर में निरन्तर अन्न क्षेत्र, गौशाला, वृद्ध सेवाश्रम, धर्मार्थ चिकित्सालय, वेद विद्यालय तथा संत सेवा के साथ ही नियमित अनुष्ठान एवं पूजा- अर्चना होती है। मां दक्षिण काली की असीम कृपा से पूज्य गुरूदेव गंगा तट से अनेकों सेवा प्रकल्प चलाकर कोरोना काल में गरीब, असहाय लोगों की मदद कर रहे हैं। इस अवसर पर साध्वी प्राची, रजनी रावत, साध्वी अमरीक गिरी, हिमांशु रावत, नमित जैन, पार्षद विनीत जौली, अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, आचार्य पवन दत्त मिश्र, लालबाबा, पंडित प्रमोद पाण्डे, कृष्णानंद ब्रह्मचारी, मुकुंदानंद ब्रह्मचारी आदि मौजूद रहे।

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