गांव से ढाई किलोमीटर सड़क बनाकर युवक ने गांव को मुख्य सड़क से जोड़ा
उत्तरकाशी।
उत्तरकाशी जिला नौगांव ब्लाक के फुवाण गांव निवासी गब्बर सिंह रावत ने गांव से ढाई किलोमीटर सड़क बनाकर अपने गांव को मुख्य सड़क से जोड़ दिया है। यही नहीं गांव में बच्चों के लिए खेल मैदान और गांव में सुचारु पेयजल योजना की मरम्मत भी अपने पैसों से कराई। इन कार्यों को करने में उन्होंने करीब 14.50 लाख रुपये खर्च किए। दरअसल, उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के अंतर्गत पट्टी गौडर के फुवाण गांव के ग्रामीणों के लिए यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के चामी से सड़क स्वीकृत हुई। वर्ष 2016 में पांच किलोमीटर सड़क कटिंग का कार्य हुआ तथा छानी नामे तोक तक सड़क पहुंची। लेकिन, उससे आगे सड़क निर्माण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन, छानी तोक से फुवाण गांव के ग्रामीणों को ढाई किलोमीटर की पैदल आवाजाही करनी पड़ रही थी। पहाड़ी रास्ता होने के कारण ग्रामीणों को अधिक परेशानी हो रही थी। गांव में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल की परेशानियों को देखते हुए गांव के गब्बर सिंह रावत ने कुछ वर्ष पहले देहरादून जनपद के विकासनगर में घर बनाया। लेकिन, गांव से आवाजाही जारी रखी। गब्बर सिंह ने अपनी और ग्रामीणों की आवाजाही की परेशानी को समझा, अपने संसाधनों से गत एक जुलाई से सड़क काटनी शुरू की। बीती 15 सितंबर को ढाई किलोमीटर सड़क का कार्य पूरा हुआ था गांव सड़क से जुड़ा। इस सड़क निर्माण के लिए गब्बर सिंह को ग्रामीणों का पूरा सहयोग मिला। जिन ग्रामीणों के खेत सड़क की जद में आ रहे थे, उन ग्रामीणों ने किसी तरह को विरोध नहीं किया, बल्कि गब्बर सिंह रावत का सहयोग किया। इस सड़क निर्माण के कार्य में गब्बर सिंह की करीब दस लाख रुपये की जमापूंजी खर्च हुई। गब्बर सिंह रावत ने बताया कि जब विभागीय अधिकारियों और राजनेताओं ने सड़क निर्माण के लिए कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने गांव तक सड़क पहुंचाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि मेरी जमापूंजी ग्रामीणों के जीवन से बढ़कर नहीं है। इसलिए सड़क निर्माण, खेल मैदान निर्माण और पेयजल लाइन की मरम्मत के लिए अपनी जमा पूंजी खर्च की है।
फुवाण गांव में प्राथमिक विद्यालय है। पांचवीं के बाद गांव के बच्चों को जंगल और पहाड़ी पैदल मार्ग से तीन किलोमीटर दूर गातू जूनियर हाईस्कूल में जाना पड़ता है। लेकिन गातू में आठवीं तक का ही विद्यालय है। आठवीं के बाद सबसे निकटवर्ती बर्नीगाड़ इंटर कालेज की दूरी 20 किलोमीटर है। फुवाण गांव में बच्चों के लिए खेल का मैदान भी नहीं था। जहां बच्चे खेल कूद के साथ दौड़ आदि की तैयारी कर सकें। इसके लिए प्राथमिक विद्यालय के निकटा गब्बर सिंह ने मैदान बनाने की योजना बनाई। इसके लिए गांव के 45 परिवारों ने एक लाख रुपये एकत्र किए, लेकिन मैदान निर्माण में चार लाख रुपये की धनराशि खर्च हुई। जिसमें तीन लाख रुपये गब्बर सिंह रावत ने अपनी तरफ से खर्च की। पहाड़ी काटकर 50 मीटर लंबा तथा 15 मीटर चौड़ा खेल मैदान बनाया है। पेयजल आपूर्ति के लिए 16 किलोमीटर दूर से पेयजल योजना आती है। लेकिन गत वर्ष पेयजल कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुई। ग्रामीणों ने कई बार विभाग से संपर्क किया। लेकिन जब समाधान नहीं हुआ तो गब्बर सिंह रावत ने 1.50 लाख रुपये खर्च कर पेयजल लाइन की मरम्मत करवाई। अब गांव में जलजीवन मिशन से भी घर-घर नल पहुंच चुके हैं।
ग्रामीणों ने बनाया निर्विरोध प्रत्याशी: वर्ष 2019 में पंचायत चुनाव हुए तो फुवाण गांव में अनुसूचित जाति पुरुष के लिए प्रधान की सीट आरक्षित थी। लेकिन, गांव में अनुसूचित जाति का एक ही परिवार होने के कारण परिवार में कोई भी पात्र प्रत्याशी नहीं मिला। जिसके कारण चुनाव नहीं हुए। वर्ष 2020 में फुवाण गांव में सीट सामान्य हुई लेकिन, कोविड के कारण अभी तक प्रधान के उपचुनाव नहीं हो पाए हैं। लेकिन अब फुवाण गांव के ग्रामीणों ने यह तय किया है कि गब्बर सिंह रावत उनका प्रधान प्रत्याशी होगा। जिससे निर्विरोध प्रधान बनाया जाएगा।