देवस्थानम एक्ट निरस्त हुए बिना नहीं होगी सरकार से वार्ता
नई टिहरी।
बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान को लेकर देवप्रयाग में हुई पहली बैठक में तीर्थपुरोहितों ने बिना पुनर्वास नीति स्पष्ट किये सरकार को एक इंच भूमि भी नहीं देने की बात कही। बैठक में तीर्थपुरोहितों ने देवस्थानम एक्ट निरस्त हुए बिना सरकार से किसी प्रकार की कोई वार्ता न किए जाने की भी बात कही।
शनिवार को देवप्रयाग में बदरीनाथ मास्टर प्लान को लेकर तीर्थ पुरोहितो की बैठक आयोजित की गई। बैठक में एसडीएम जोशीमठ के न आने पर तीर्थपुरोहितों ने रोष जताया। श्री बदरीश पंडा पंचायत अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी ने चमोली प्रशासन की ओर से देवप्रयाग में बैठक आयोजित करने पर आभार जताया। कहा कि सरकार तीर्थपुरोहितों की भावनाओं के अनुसार बदरीनाथ में मास्टर प्लान लागू करे। तीर्थपुरोहितों की सहमति के बिना मास्टर प्लान स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने कहा की दो वर्ष बाद शुरू होने वाले मास्टर प्लान के फेज टू पर बात करने का अभी कोई औचित्य नहीं है। जबकि सरकार अभी फेज वन पर ही कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार मास्टर प्लान को लेकर किसी भी तीर्थपुरोहित को नोटिस ना भेजे। चारधाम तीर्थपुरोहित हक हकहकूधारी महापंचायत अध्यक्ष केके कोटियाल ने कहा कि सरकार जब तक तीर्थपुरोहितों को दिये जानेवाली भूमि भवन की रजिस्ट्री नहीं करती है, तब तक उनके भवनों को ध्वस्त करने की कोई कार्यवाही न की जाए। कहा कि केदारनाथ के तीर्थपुरोहितों के साथ सरकार ने जो धोखा किया वह बदरीनाथ में नहीं होने देंगे। मास्टर प्लान के तहत खाता खतौनी की स्थिति स्पष्ट करने के लिये एक माह का कैम्प देवप्रयाग में लगाया जाये। पूर्व अध्यक्ष भगवती प्रसाद ध्यानी ने कहा कि सन 1952 के बाद बदरीनाथ में कोई भूमि बंदोबस्त नहीं हुआ है। जिस कारण सभी हकदारों के नाम के खाता खतौनियों में नहीं आये हैं। डॉ. गिरधर पंडित ने बदरीनाथ में रेगुलेटिंग एरिया एक्ट लागू होने से पहले स्थित आवासों के अनुसार मुआवजा तय करने की मांग की। सूर्यकांत पंडित ने मंदिर से सटे नरसिंह मंदिर को नहीं हटाने की मांग की। डॉ. शैलेन्द्र नारायण ने कहा कि बदरीनाथ मास्टर प्लान में धार्मिक, पौराणिक मूल्यों को बनाया रखा जाय। सरकार इसको लागू करने में कोई जल्दबाजी ना करे। तहसीलदार जोशीमठ आरएस ममगाईं ने कहा बैठक में रखी गयी मांगो को डीएम चमोली के समक्ष रखा जायेगा। जिस पर प्रशासन की ओर से अपना निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा पुनर्वास नीति का खाका तय होने के बाद सभी के सामने रखा जायेगा। बैठक में तीर्थपुरोहित दिगम्बर ध्यानी, विनय टोडरिया, भूपेंद्र कोटियाल, सुधाकर बाबुलकर, मधुकर ध्यानी, विजय ध्यानी, विनोद कोटियाल, विजेंदर टोडरिया, सुरेश भट्ट, तहसीलदार जोशीमठ आरपी ममगाईं, कानूनगो सुजान सिंह नेगी, राजस्व उपनिरीक्षक देवेंद्र सिंह नेगी व सुनील कुमार आदि मौजूद रहे।