अपनों का भी सितम झेल रहें हैं विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा
पटना ………
आमतौर पर विधानसभा अध्यक्ष सत्ता पक्ष के निशाने पर नहीं आते हैं, लेकिन बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अध्यक्ष पर गैरों ने नहीं बल्कि अपनों ने सितम किए जिससे वे क्षुब्ध भी हो गए. वैसे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सत्ता और विपक्ष दोनों को सदन चलाने के लिए सहयोग देने की नसीहत भी दी है. विधानसभा अध्यक्ष पर आमतौर पर विपक्ष द्वारा बोलने के लिए समय नहीं देने का आरोप लगना कोई नई बात नहीं है, लेकिन बिहार विधानसभा के बजट सत्र में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने आसन पर ही एक व्यक्ति को संरक्षण देने का आरोप चस्पा कर दिया।
हालांकि, यह मामला ज्यादा तूल नहीं पकड़ा. दरअसल, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मंत्री प्रमोद कुमार को लेकर टिप्पणी कर दी, कैसे आपलोगों को मंत्री बना दिया गया.श् इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. इसी बीच उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए एक व्यक्ति (तेजस्वी यादव) को संरक्षण देने का आरोप लगा दिया. कुछ दिन पहले विपक्ष ने भी अध्यक्ष पर सत्ता पक्ष द्वारा गाइड होने का आरोप लगाया था।
विधानसभा में हालांकि यह मामला ज्यादा तूल नहीं पकड़ा. सदन में बुधवार को जब मंत्री सम्राट चैधरी (ैंउतंज ब्ीवनकींतल) ने आसन को अंगुली दिखाते हुए ज्यादा व्याकुल नहीं होने की बात कही, तब अध्यक्ष नाराज हो गए और क्षुब्ध होते हुए सदन की कार्यवाही तक स्थगित कर दी. कहा जाता है कि इसके बाद काफी मान-मनौव्वल के बाद अध्यक्ष सदन में उपस्थित हुए और मंत्री सम्राट चैधरी ने फिर माफी मांगी. मंत्री सम्राट चैधरी ने सदन में कहा, उनके आचरण से भावना आहत हुई है तो वे माफी मांगते हैं. मैं आसन का सम्मान करता हूं।
वैसे इस बजट सत्र में विपक्ष के सदस्य बोलने का पर्याप्त अवसर नहीं देने पर नाराजगी जताते हुए राजभवन मार्च भर कर चुके हैं और राज्यपाल से मिलकर एक ज्ञापन भी सौंप चुके हैं. इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन मामलों पर कहा, सबको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कार्यवाही में किसी भी तरह का व्यवधान न हो. अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग करें चाहें सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हो. जिनसे भूल हुई है, उन्होंने क्षमा भी मांग ली है।