बागवानी जैविक कृषि पर महाविद्यालय जखोली में गोष्ठी
रुद्रप्रयाग। शोध एवं विकास नवाचार योजना के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय जखोली में बागवानी जैविक कृषि विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी आयोजित की गयी,जिसमें जैविक कृषि के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ कु.माधुरी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षणार्थियों से कृत्रिम खाद्य पदार्थों से दूर रहने व जैविक विधि से तैयार किये भोज्य पदार्थों का उपयोग करने की सलाह दी है। मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षक नारायण सिंह बुटोला ने जैविक बागवानी के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी है। कार्यक्रम के नोडल ऑफिसर व संचालन कर रहे प्रो. देवेश चंद्र ने उत्तराखण्ड में जैविक बागवानी तैयार करने की सम्भावना पर विस्तार से बताया है। प्रशिक्षण टीम के महावीर सिंह राणा ने कृषि में रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से भूमि की उर्वरता को समाप्त होने का प्रमुख कारण बताते हुये बागवानी जैविक कृषि से स्वच्छ अन्न, स्वच्छ दूध, सब्जी एवं फल प्राप्त करने की सलाह दी है। प्रशिक्षण टीम के लक्ष्मण सिंह सजवाण व जगमोहन ने जैविक कृषि न होने के कारण शरीर पर पड़ने वाले कुप्रभावों के बारे में बताया है। इस अवसर पर महाविद्यालय के डा.देवेश चन्द्र, डॉ.नंद लाल,डॉ.बबीत कुमार विहान, डॉ. सुभाष कुमार, डॉ. भारती, ड.विकास शुक्ला, डा. दिलीप, सुमित बिजलवान, सोनम कुमारी, करण सिंह पंवार, पूनम रावत, महावीर, देवेंद्र, सुरेंद्र पुरोहित, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कुलदीप भारती, पूर्व प्रधान अषाड़ सिंह राणा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे ।