रेमिडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालो को कमिश्नरेट पुलिस ने किया गिरफ्तार

लखनऊ

प्रदेश में जहां कोविड-19 की सेकेंड वेब की तबाही के मंजर से मरीजों को इस कोरोना संकट काल में दवाओं के लिये अस्पतालो के चक्कर काटने पड़ रहे हो  और ऐसी आपदा के दौर में राजधानी पुलिस कमिश्नर आॅफ पुलिस डीके ठाकुर व संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया के निर्देशन पर शुक्रवार को कालाबाजारी करने वालो की धर पकड़ कर खुलासा किया ।थाना नाका पुलिस द्वारा पकड़े गए 4 अभियुक्तो के पास से 116 इंजेक्शन, 1 लाख 94 हजार 310 रुपए नकदी, 4 सेलफोन,व एक मोटरसाइकिल भी बरामद कि या है।पकडेÞ गये आरोपी रामसागर केजीएमयू  में था नर्सिंग स्टाफ, अमनदीप मदान स्केप हॉस्पिटल का है स्टाफ, अंशु गुप्ता उर्फ प्रिंयका रघुवंशी, व अंकुर वैश्य नामक अभियुक्त साथ में मिलकर कर रहे थे इंजेक्शन की कालाबाजारी।इसके साथ ही वेस्ट जोन में कालाबाजारी करने वालो के लिए पुलिस टीम लगातार दे रही दबिश।डीसीपी वेस्ट देवेश पांडे, एडीसीपी राजेश कुमार श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन व एसीपी कैसरबाग पंकज कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर नाका मनोज मिश्रा की पुलिस टीम को मिली बड़ी सफलता हासिल की है।ऐसे में जहां लोग आपदा के  दौर में एक दूसरे की सहायता कर रहे हो और ऐसे ही तत्व समाज म ऐसा कृत्य करने वालो की वजह से मरीजों की सांसे थम जा रही हो और इस काल में व्यापार कर रहे हो ऐसे तत्व से समाज की क्या सहायता करेगें ।कालाबाजारी करने वालो की वजह से मरीजो ं को असुविधाओं का अभाव से गुजरना पड़ता है।जहां आज शहर में आक्सीजन व दवाओं के अभाव के कारण मरीज दम तोड़ रहे हो वहां लोग आपदा में अवसर ढूढ़ने में पीछे नहीं है।कमिश्नरेट पुलिस की सक्रियता से ही ऐसे तत्वो पर समय रहते अंकुश नही नही लगाया तो क्राइम करने वालो का मनोबल बढ़ना ही है।

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