खानपुर के मुन्नाभाई शिक्षक को नहीं मिली जमानत

रुड़की। किसी दूसरे के शैक्षिक प्रमाणपत्रों पर दस साल तक उसी के नाम से शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले मुन्नाभाई शिक्षक की जमानत याचिका लक्सर एडीजे कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी। एसआईटी जांच के बाद विभाग ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। खानपुर पुलिस ने पिछले महीने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पिछले दिनों नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश पर पुलिस की एसआईटी टीम ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच की थी। जांच में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने के कई मामले सामने आए थे। इन सभी में एसआईटी ने मुकदमें दर्ज कराए थे। खानपुर विकासखंड में शेरपुर बेला प्राथमिक स्कूल के सहायक अध्यापक के खिलाफ भी उप शिक्षाधिकारी ने एफआईआर कराई थी। जांच रिपोर्ट पर विभाग ने तभी उसे नौकरी से बर्खास्त भी कर दिया था। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि स्कूल में कार्यरत अशोक कुमार पुत्र भीम सिंह निवासी अग्रवाल मंडी पोस्ट टटीरी जनपद बागपत (यूपी) के शैक्षिक दस्तावेज सही हैं, लेकिन इनके आधार पर अशोक कुमार बनकर दस साल से मुरादाबाद जिले के साहूपुर गांव का शशिपाल पुत्र मलखान सिंह नौकरी कर रहा था।
जांच के बाद खानपुर पुलिस ने इसी 18 दिसंबर में शशिपाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। शशिपाल के अधिवक्ता विनीत कुमार ने लक्सर एडीजे कोर्ट में उसकी जमानत याचिका लगाई थी। एडीजे कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भूपेश्वर ठकराल ने बताया कि दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है।

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