देसंविवि में दक्षिण भारतीय कार्यकर्त्ता सम्मेलन का आयोजन

हरिद्वार

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में दक्षिण भारतीय कार्यकर्ताओं का विशेष सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कार्यकर्तागण मौजूद रहे। सम्मेलन का शुभारंभ रामानुज संप्रदाय के आध्यात्मिक प्रमुख त्रिदण्डी श्रीमन्ननारायण रामानुज चिन्ना जीयर स्वामी, देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, उत्तराखण्ड के सहकारिता विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। सम्मेलन के मुख्य अतिथि त्रिदण्डी श्रीमन्ननारायण रामानुज चिन्ना जीयर स्वामी ने कहा कि हवन केवल वैदिक कर्मकांड ही नहीं है, बल्कि यह प्राणरक्षक भी है। कहा कि हमारी प्राचीन विद्या में बहुत ताकत है। इसका सभी को पालन करना चाहिए। गायत्री परिवार इस दिशा में सार्थक पहल कर रहा है। डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि शांतिकुंज का उद्देश्य मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग के अवतरण है। इसी उद्देश्य को लेकर शांतिकुंज आगे बढ़ रहा है। शांतिकुंज मनुष्य को सही राह दिखाने के लिए संकल्पित है। सचिव डॉ. पुरुषोत्तम ने कहा कि गायत्री परिवार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में अनुकरणीय कार्य किया है।

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