आरएसएस को खुद पार्टी बन जाना चाहिए, भाजपा को उसमें विलय कर देना चाहिए – गहलोत
उदयपुर
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने उदयपुर में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर जुबानी हमला बोला। गहलोत ने कहा कि आरएसएस के लोग पीछे रहकर भाजपा को जिताने का काम करते हैं, यह सभी को पता है। इसकी बजाय आरएसएस को चाहिए कि वह भाजपा को अपने में मर्ज कर खुद राजनीतिक पार्टी बन जाए। गहलोत ने कहा कि आरएसएस कभी सद्भावना की बात नहीं करता। हमेशा पीछे रहकर केवल भाजपा को जिताने के लिए काम करता है। ऐसा है,तब वह सीधे राजनीतिक पार्टी बन जाए और भाजपा को अपने में मर्ज कर लें। इसके बाद वह विचारधारा के साथ कांग्रेस से मुकाबला करे। गहलोत ने कहा कि भले ही केंद्र में कांग्रेस सत्ता में नहीं है लेकिन हमारी विचारधारा में दम है। जबकि आरएसएस पीछे रहकर राजनीति कर ध्रुवीकरण करके ही चुनाव जिताती आई है। ध्रुवीकरण के जरिए ही चुनाव जीतने लगा,तब इससे देश मजबूत नहीं होगा। देश की मजबूती के लिए देशवासियों और खासकर युवाओं को सोचना होगा।
डूंगरपुर जिले में जनसभा को संबोधित कर कहा कि देश में तनाव, अशांति और हिंसा का माहौल है। किन्तु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्र के नाम संबोधन नहीं कर रहे। मोदी को चाहिए कि उन्हें राष्ट्र के नाम संबोधन करना चाहिए। जिसमें वह हिंसा करने वालों की निंदा करें और आह्वान करें कि हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी। देश का प्रधानमंत्री जब देशवासियों के लिए कहेगा,तब उसका असर भी लोगों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का कहना बेहद मायना रखता है।
सीएम गहलोत ने कहा कि आरएसएस के लोग हिंदू की बात करते हैं, जबकि आज हिंदू भी संकट में हैं। आज भी छुआछूत सहित कई इसतरह के मामले आते हैं, जो खतरनाक हैं। इसके बाद इन्हें घर-घर जाकर लोगों को प्रेम और भाईचारे का संदेश देना चाहिए। छुआछूत तथा ऊंच नीच के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। आरएसएस कार्यकर्ता क्यों ना घर जाकर प्रेम और भाईचारे की बात करते। सभा को पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन और पूर्व मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी संबोधित किया।
वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अखंड भारत वाले बयान पर राजस्थान के सीएम गहलोत ने कहा कि आरएसएस गांधी, पटेल और आंबेडकर का इस्तेमाल कर रहा है। न तो जनसंघ, न अब बीजेपी, और न ही आरएसएस ने कभी उन पर विश्वास किया। वे केवल चुनाव जितने के लिए अपना नाम लेते हैं। वे श्अखंड भारत की बात करते हैं लेकिन (सरदार) पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने (आरएसएस) राजनीति में कभी भाग न लेने के लिए लिखित में दिया, और वे केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे।