मंडी नहीं होने से किसान पीछे खींच रहे धान की खेती से हाथ

रुड़की। क्षेत्र में धान का रकबा कम हो रहा है। किसानों का कहना है कि मंडी न होना इसका सबसे बड़ा कारण है। किसान अपना धान बेचने के लिए पंजाब और हरियाणा की मंडियों पर निर्भर हैं। रेट भी धान के नहीं बढ़े हैं। इस बार खुले बाजार में 1509 वैरायटी का धान ₹3500 रुपये कुंटल के आसपास चल रहा है। पंजाब की तर्ज पर प्रदेश में भी मंडियां स्थापित होनी चाहिए। जिले में गन्ने और धान की मुख्य फसल है। इसके अलावा सब्जियों की भी यहां बड़े पैमाने पर पैदावार होती है। नदियों के आसपास जिले के किसानों के खेत हैं। लेकिन कुछ सालों से धान का रकबा घटता जा रहा है। किसान दिलशाद, आदिल, उदयवीर, सोम सिंह सैनी ने बताया कि धान मंडी न होना रकबा घटने का कारण है। जिला मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी का कहना है कि रकबा कितना घटा इसका आंकलन किया जाएगा।

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