यूपी में निजी क्षेत्र के पांच नये ऑक्सीजन प्लांटों में उत्पादन शुरू, सिलिंडरों में होने लगी रिफलिंग

लखनऊ 

कोविड संक्रमण के इस आपदा काल में निजी क्षेत्र में उद्यमियों ने पांच नये आक्सीजन प्लांट खड़े कर दिए हैं। इन प्लांटों में हवा से आक्सीजन तैयार करने और उन्हें सिलेंडर में भरकर सप्लाई करने का काम शुरू कर दिया गया है। एक अन्य प्लांट गोरखपुर में भी बनकर तैयार हो गया है। इस प्लांट से भी आक्सीजन की सप्लाई शुरू हो जाएगी।
आपदा काल में आक्सीजन की मांग बढ़ने के बाद निजी क्षेत्र के उद्यमियों द्वारा राज्य में 62 आक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए लाइसेंस तथा अन्य सुविधाओं के लिए आवेदन किया गया था। इनमें से पांच उद्यमियों ने अपनी इकाई स्थापित करने कर दिया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रयागराज में एक, मेरठ में दो, गौतमबुद्धनगर में एक और आगरा एक नई इकाई में आक्सीजन का उत्पादन शुरू हुआ है।
इन इकाइयों से करीब डेढ़ दर्जन हास्पिटलों को आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। 1500 सिलेंडर प्रतिदिन आक्सीजन तैयार करने की क्षमता का प्लांट गोरखपुर में स्थापित कर लिया गया है, यहां भी उत्पादन जल्द शुरू हो जाएगा। गोरखपुर इकाई से उत्पादित होने वाले आक्सीजन की सप्लाई वहां का जिला प्रशासन तय करेगा।
37 सौ जंबो सिलेंडर आक्सीजन की क्षमता है इन प्लांटों की
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रयागराज में स्थापित प्लांट की क्षमता 500 सिलेंडर प्रतिदिन, मेरठ में स्थापित एक प्लांट की क्षमता 1000 सिलेंडर तथा दूसरे प्लांट की क्षमता 600 सिलेंडर प्रतिदिन और आगरा में स्थापित प्लांट की क्षमता 1600 सिलेंडर प्रतिदिन की है। नोएडा में स्थापित प्लांट की क्षमता 100 लीटर आक्सीजन उत्पादन प्रतिदिन की है। इन प्लांटों में आक्सीजन के जंबो सिलेंडर भरे जा रहे हैं। एक जंबो सिलेंडर में 43.6 लीटर आक्सीजन होती है।
बरेली में इफ्को के प्लांट से अगले सप्ताह से आक्सीजन उत्पादन
इफ्को द्वारा बरेली में 130 क्यूबिक मीटर प्रतिघंटे की क्षमता का आक्सीजन प्लांट तैयार किया जा रहा है। इस प्लांट की स्थापना पर करीब पांच करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस प्लांट से एक सप्ताह के अंदर आक्सीजन उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस प्लांट से उत्पादन शुरू होने पर राज्य में आक्सीजन की कमी को दूर करने में बहुत मदद मिलेगी।
अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के अनुसार आक्सीजन प्लांट के लिए आए सभी उद्यमियों के आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। इस महीने के अंत तक कुछ और नई इकाईयों से आक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। सरकार के स्तर पर नये प्लांट की स्थापना में उद्यमियों को पूरा सहयोग दिया जा रहा है।

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