पछुवादून बार एसोसिएशन ने कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया
विकासनगर। उत्तर प्रदेश के हापुड़ से लेकर देहरादून, काशीपुर, किच्छा, सितारगंज तक वकीलों का उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए पछुवादून बार एसोसिएशन के शुक्रवार को कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। वकीलों के कार्य बहिष्कार से जनता को भी परेशानी झेलनी पड़ी। ढकरानी कोर्ट परिसर में प्रदर्शन कर रहे वकीलों का नेतृत्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजयपाल चौधरी ने किया। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में वकीलों के साथ दुर्व्यवहार, उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के हापुड़ की घटना के दोषियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अधिवक्ताओं ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे निहत्थे वकीलों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज अलोकतांत्रिक व अमानवीय है। घटना के दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर अविलंब गिरफ्तारी होनी चाहिए।
वकीलों का उत्पीड़न बंद हो: बार एसोसिएशन के सह सचिव अनिल कांडपाल ने कहा कि उत्तराखंड में अधिवक्ताओं के साथ उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं। देहरादून, काशीपुर, किच्छा, सितारगंज में अधिवक्ताओं को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं का शोषण बंद होना चाहिए। उन्हें मजबूरी में कार्य बहिष्कार करना पड़ता है, जिसका सीधा असर न्यायिक प्रक्रिया और आम जनता पर पड़ता है। सह सचिव ने अधिवक्ताओं का उत्पीड़न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग शासन से की है। कालसी, चकराता, त्यूणी तहसील में भी अधिवक्ता हड़ताल पर रहे। अधिवक्ताओं ने शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध जताया और कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन किया। कार्य बहिष्कार करने वालों में पछुवादून बार एसोसिएशन के सचिव संजय गुप्ता, संरक्षक जर्रार अहमद अंसारी, राजेश कुमार वर्मा, विवेक गुप्ता, बबीता शर्मा, आशा राम जोशी, अनिल शर्मा, संदीप बर्त्वाल, अनिल गुलेरिया, बलवीर तोमर, पायल, श्यामदत्त वर्मा आदि शामिल रहे।
सरकार को हुआ राजस्व का नुकसानल: अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार के कारण उप निबंधक कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री कराने आए लोग परेशान रहे। यहां प्रतिदिन सौ के करीब रजिस्ट्री होती है, जिससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है। शुक्रवार को रजिस्ट्री नहीं होने के कारण सरकार को राजस्व का घाटा भी हुआ। वहीं स्टॉंप वेंडर भी हड़ताल पर रहे, जिसके चलते लोगों को स्टॉंप पेपर भी नहीं मिले।