लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी दुकानों में चूहों का आतंक, किया करोड़ों का नुकसान

मेरठ

जिला प्रशासन ने दुकानों, प्रतिष्ठानों, शोरूमों को साफ-सफाई के लिए तीन घंटे खोलने की छूट दी तो दुकानदारों के चेहरे खिले उठे। हालांकि, मन में तमाम आंशकाएं थी और नुकसान का अंदेशा भी। व्यापारियों ने दुकान पहुंचकर सबसे पहले माथा टेका। शटर उठाकर अंदर का नजारा देखा तो दिल बैठ गया। कोरोना कर्फ्यू के चलते बंद पड़े कारोबार को दीमक, सीलन और चूहों ने और ज्यादा चोट दे दी। कपड़े, चमड़े के पर्स, स्पोर्ट्स आइटम, चप्पल, जूते, हौजरी, बिसातखाना तक की दुकानों में चूहों ने कहर ढाया हालात देख दुकानदारों के माथे पर चिंता की लकीरे खिच गई। गाढ़ी पूंजी को यूं बर्बाद होते देख कई दुकानदारों की आंखें भर आई।
सदर बाजार में थाना के सामने बाजार में साड़ी और कपड़ों की दुकान में चूहों ने लाखों रुपये के कपड़े कुतर दिए। मिठाई की दुकानों में रखे सामान सीलन और चूहों की वजह से बर्बाद हो गए। इन्हें नाले में फेंकना पड़ा। नुकसान देखकर दुकान और शोरूम मालिक भावुक हो गए। पड़ोसी दुकानदारों ने किसी तरह से साथियों को संभाला और ढांढस बंधाया। कहा कि. बाजार खुलेगा तो सब मेहनत करके कमा लगे।
दुकान को चूहों ने बना लिया मकान
कोतवाली थाना क्षेत्र के सुभाष बाजार में बाल किशन राय ने 30 दिन बाद दुकान खोली तो दिल बैठ गया। बंद दुकानों में चूहों ने अपना घर बना लिया। लाखों की साड़ियां और अन्य कपड़े कुतर डाले। कपड़ा, स्टेशनरी और कन्फेक्शनरी दुकानदारों को भी नुकसान उठाना पड़ा। कुछ दुकानों में तो चूहे मर गए और बदबू ने जीना मुहाल कर दिया। रही सही कसर सीलन और दीमक ने पूरी कर दी। सीलन से कपड़े गल गए।
स्टेशनरी-कन्फेक्शनरी दुकानदारों को बड़ा झटका
ब्रह्मरी शारदा रोड पर स्टेशनरी कंफेक्शनरी के दुकानदारों को तगड़ा झटका लगा। दुकान खोलते ही चूहे और दीमक से सामना हुआ। इन्होंने कागज ही नहीं बैट्री-फर्श तक पर अपने दांत चलाए ओडियन नाला पुल पर जूता-चप्पल दुकानदार नुकसान देख माथा पकड़कर बैठ गए। 20 से अधिक छोटी-बड़ी मिठाई की दुकानों, 50 से अधिक स्टेशनरी, कन्फेक्शनरी और कपड़े की दुकानों में लाखों रुपये का नुकसान हुआ।
पहले मिलती छूट तो नहीं होता नुकसान
भूमिया पुल के आसपास इलाके में दुकानदारों ने साफ-सफाई के साथ पूजा-अर्चना की। मिठाई, टेलरिंग, स्टेशनरी, कपड़ा और जूते-चप्पलों की दुकानों में चूहों ने काफी नुकसान किया। दीमक के अलावा दुकानों में इनवर्टर बैटरी से भी नुकसान हुआ। इसे देखकर दुकानदार भावुक हो गए। कहा कि यह छूट पहले मिलती तो इतना नुकसान नहीं होता। समय-समय पर सफाई के लिए छूट देनी चाहिए थी।

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