दलालों की पत्नियां देह व्यापार के लिए बनाती थीं दबाव
इंदौर।
बांग्लादेश से देह व्यापार के लिए भारत लाई गई युवतियों ने चौंकाने वाले बयान दिए हैं। युवतियों ने पुलिस को बताया कि एजेंट उन्हें देह व्यापार कराने के लिए इंजेक्शन देते थे। इससे उनका शरीर सुन्न पड़ जाता था। वे विरोध करने के लायक तक नहीं रहती थी। दलालों की पत्नियां उन पर देह व्यापार के लिए दबाव बनाती थीं। वियजनगर थाना प्रभारी तहजीब काजी के अनुसार पकड़ी गई दीपा जियाउल शेख की पत्नी है। जिायउल शेख बांग्लादेश में दलाल है। अकीजा विजय दत्त उफ मोमिनुल की गर्लफ्रेंड है। इंदौर का काम रजनी और नेहा संभालती थीं। अकीजा और दीपा बांग्लादेश से लाई गई युवतियों पर देह व्यापार का दबाव बनाती थीं। दोनों बड़े दलालों से टच में रहती थीं। युवतियों से कहा करती थी- अब वह भारत आ गई हैं। अगर वापस बांग्लादेश जाा है, तो बड़ी कीमत चुकानी होगी। इस वजह से गरीब परिवार की लड़कियां गलत काम के लिए तैयार हो जाती थीं। दलाल विजय दत्त ने बताया कि एजेट जब युवतियों को बांग्लादेश से भारत लेकर आ जाते हैं, तो भारत में उनकी पत्नियां-गर्लफ्रेंड उन्हें सभी तौर-तरीके सिखाती हैं। इसमें उन्हें कम कपड़े किस तरह से पहनना है, कैसे पहनना है, कैसे बिेहव करना है… सारे सलीके सिखा जाते थे। युवतियों को जब दलाल बांग्लादेश से भारत लाते है, तो यहां उन्हें दवाएं और ड्रग्स दी जाती थी। एक दिन में कई कस्टमर्स के आगे उन्हें भेजा जाता था। जब कोई लडक़ी ज्यादा शोर-शराबा करती तो उसे इंजेक्शन देकर बेहोश भी कर दिया जाता था। देह व्यापार में लिप्त आरोपियों ने बताया कि बांग्लादेश से युवतियों को लाने वाले दलालों को जो रकम अदा करते थे, उसे जल्द वसूलने के लिए युवतियों को नशा देकर एक दिन में कई ग्राहकों के पास भेजते थे। पैसा बनाने के बाद उन्हें दूसरे जिलों में बेच देते थे। देह व्यापार गिरोह के सरगना विजय दत्त उर्फ मामून और सहोगी बबलू को एसआइटी मुंबई ले गई। रविवार को टीम ने उसके फ्लैट से फर्जी आधार कार्ड और पासपोर्ट जब्त कर लिया। एसआइटी देह व्यापार में लिप्त रुबी, जियाउल की तलाश कर रही है। विजयनगर थाना टीआई तहजीब काजी के मुताबिक आरेापित विजय दत्त उर्फ मामून उर्फ उज्जवल ठाकुर, प्रमोद पाटीदार और बबलू उर्फ पलाश सरकार, दीपा शेख, अकिजा रिमांड पर हैं। पुलिस के अनुसार विजय दत्त का असली नाम मामून है और उसने विजय पुत्र विमल दत्त के नाम से फर्जी आधार कार्ड व पासपोर्ट बनवा लिया था। एसआइ प्रियंका शर्मा, प्रधान आरक्षक भरत बड़े, कुलदीप की टीम आरोपित को मुंबई ले गई और फ्लैट से पासपोर्ट जब्त कर लिया। पुलिस ने नाला सुपारा में उन जगहों पर छानबीन की जहां वह लड़कियों को ठहराता था। बताया जाता है कि आरोपित मानव तस्करी विरोधी चौकी के सामने ही फ्लैट किराये से लिया था। वह पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखता था। पुलिस के मुताबिक आरोपित विजय प्रिया, काजल और रुबी नामक महिलाओं के माध्यम से लड़कियों का ब्रेनवॉश करता था। पुलिस तीनों युवतिों की भी तलाश कर रही थी।